अतुल जैन बता रहे हैं कि कोविड के इस दौर में असली चुनौती हमारी संवेदनशीलता को है और इसका समाधान किसी वैक्सीन से नहीं होगा, न ही अमेरिका और रूस इसमें हमारी कुछ मदद कर पाएंगे, इसका समाधान तो समाज और स्वंय को ही खोजना होगा।